हाथरस के जिस निजी आवासीय विद्यालय में स्कूल की सफलता, प्रसिद्धि और कारोबार बढ़ाने के मकसद से दूसरी कक्षा में पढ़ रहे 11 साल के बच्चे कृतार्थ की बलि चढ़ा दी गई, वहां पहले भी दो बच्चों की कुर्बानी की कोशिश नाकाम हो गई थी। अंधविश्वास से लोगों का बुरा हाल |
हाथरस के सहपऊ थाना क्षेत्र के रसगंवा इलाके में जिस निजी आवासीय विद्यालय डीएल पब्लिक स्कूल में रविवार की रात क्लास 2 के छात्र कृतार्थ की बलि चढ़ा दी गई थी, उस स्कूल में पहले भी दो बच्चों की कुर्बानी की कोशिश नाकाम हो गई थी। 11 साल के कृतार्थ की गला दबाकर हत्या के बाद इस मामले में खौफनाक खुलासे हो रहे हैं। स्कूल के मालिक और उसके बाप समेत पांच लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। स्कूल मालिक का बाप तंत्र-मंत्र और साधना में यकीन रखता था और स्कूल की तरक्की, प्रसिद्धि और कारोबार बढ़ाने के लिए उसने ही बच्चों की बलि देने का आयडिया बेटे को दिया था। तुरसेन के कृष्ण कुशवाहा ने करीब 4 साल पहले बेटे कृतार्थ का एडमिशन डीएल पब्लिक स्कूल में कराया था।
बहरदोई गांव के रहने वाले गावस्कर ने बताया कि उसका बेटा राजा भी डीएल पब्लिक स्कूल में पढ़ता है और हॉस्टल में ही रहता है। राजा पहली कक्षा में पढ़ता है। 6 सितंबर को राजा हॉस्टल के अंदर सो रहा था, तब उसका गला दबाकर हत्या करने की कोशिश हुई थी। राजा के अचानक जग जाने से उसकी जान बच गई। पिता ने बताया कि उस समय राजा की पेशाब निकल गई थी। बच्चे का इलाज हाथरस के डॉक्टर से कराया। वहीं गांव के अजीत सिंह ने बताया कि उनके बेटे प्रिंस के गले में भी एक दिन रस्सी डालकर खींचा गया था। राजा और प्रिंस सौभाग्यशाली रहे कि बाप-बेटे के बलिदान प्लान से बच गए।
पुलिस ने गुरुवार को स्कूल मालिक दिनेश बघेल, उसके पिता जशोधन सिंह को गिरफ्तार करने के बाद पूरे मामले का खुलासा किया था। सादाबाद के सीओ हिमांशु माथुर ने बताया था कि तुरसैन के रहने वाले कृष्ण कुशवाहा के 11 साल के बेटे कृतार्थ कुशवाहा की गला दबाकर हत्या की गई थी। उन्होंने बताया कि जशोधन सिंह काल जादू और तांत्रिक क्रिया करने का दावा करता था। दिनेश ने स्कूल की तरक्की के लिए पिता के साथ मिलकर बलि का प्लान तैयार किया और रविवार की रात को स्कूल के अंदर बने एक हॉल में सो रहे कृतार्थ की बलि चढ़ा दी। पुलिस ने दिनेश और जशोधन के अलावा स्कूल के तीन शिक्षक और स्टाफ को भी इसमें शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
स्कूल की तरक्की के लिए बलि के तौर पर रविवार की रात गला दबाकर कृतार्थ की हत्या के बाद स्कूल मालिक ने मौत को बीमारी दिखाने के लिए खूब ड्रामा किया था। वह बच्चे के शव को अपनी गाड़ी में आगरा और हाथरस ले गया था। कृतार्थ के परिवार को खबर दी गई कि बच्चे की तबीयत खराब है और उसे इलाज के लिए ले जाया जा रहा है। परिवार जब स्कूल पहुंचा तो उसे गड़बड़ी का अंदेशा हुआ और उसने पुलिस को खबर कर दी। बाद में कृतार्थ का शव सादाबाद में स्कूल की कार से बरामद हुआ। पिता की तहरीर पर दिनेश समेत पांच लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमे के बाद पुलिस लगातार चार आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी। पुलिस को पहले दिन से स्कूल प्रबंधन पर शक था।