वाह री पंजाब पुलिस तेरी नालाएकी,चोरी हुआ मोबाइल फोन देने की बजाय उसे दूसरा मोबाइल फोन देकर उस पर करवा लिऐ हस्ताक्षर
गोराया (ब्यूरो)गोराया पुलिस का एक नया कारनामा सामने आया है जिसमें अपनी नालायकी छिपाने को लेकर पुलिस ने पीड़ित को चोरी हुआ मोबाइल फोन देने की बजाय उसे दूसरा मोबाइल फोन देकर उसकी शिकायत पर उसके हस्ताक्षर करवा लिए हैं कि वे कोई कार्रवाई नहीं करवाना चाहते हैं।
बता दें कि 7 जून को गोराया की कृष्णा कॉलोनी से घर में घुसकर बच्चों से मारपीट की और उनसे दो मोबाइल फोन लूटकर भाग गए थे, जिसकी सी.सी.टी.वी. तस्वीरें भी सामने आईं और दोनों युवकों की पहचान करके गोराया पुलिस को लिखित शिकायत भी दी गई। इस मामले में गोराया पुलिस की कारगुजारी और बुरे तत्वों के साथ मिलकर किया जा रहा शैल्टर सामने आ रहा है।
जहां मीडिया में खबर आने के बाद गोराया पुलिस की किरकिरी हुई है और पुलिस की गलत कारगुजारी जगजाहिर हुई है। खबर लगने के बाद संबंधित केस के आईओ सुबह-सुबह वर्दी पहन और बिना पगड़ी बांधे प्रवासी मजदूर के घर पहुंचे, जिसका सी.सी.टी.वी. भी सामने आई है जिसमें वह उसे उठा कर थाने ले आया। प्रवासी ने बताया कि पुलिस उसे थाने में लेकर आई। पुलिस थाने में उसे फटकार लगाई और उसे कार्रवाई न करवाने के लिए एक कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। यहीं बस नहीं गोराया पुलिस की कारगुजारी उस समय सवालों के घेरे में आ गई जब पीड़ित से लूटे हुए 2 मोबाइलों में से एक मोबाइल उसका उसे देकर दूसरा मोबाइल किसी और का ही उसे पकड़ा दिया गया, जो यह भी नहीं पता था कि उन दोनों युवकों ने वह मोबाइल फोन किसी और का लूटा हो या किसी चोरी का हो।जिससे यह स्पष्ट है कि गोराया पुलिस मामला दर्ज करने के बजाय गलत तत्वों का साथ देकर जबरन मामले को रफा-दफा कर रही है। पीड़ित प्रवासी और उसके साथ मोहल्लेवासियों ने मांग की कि ऐसी खराब कारगुजारी दिखाने वाले पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की जाए। पुलिस कर्मियों को इस बात का भी डर नहीं है कि चुनाव के चलते पंजाब के मुख्यमंत्री जालंधर में हैं और उन्होंने जालंधर में किराये पर कोठी भी ले रखी है, इसके बावजूद ऐसी लापरवाह और बुरे तत्वों के साथ जारी दोस्ती रखने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ देखते हैं विभाग क्या कार्रवाई करता है और पीड़ित को कब तक इंसाफ दिलाता है। इस संबंधी मामले में आई.ओ. सब इंस्पेक्टर गुरदीप सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि पीड़ित से धक्के से साइन नहीं करवाए गए। पीड़ित को मोबाइल फोन वापस कर दिए गए हैं। जब उनसे पूछा कि मोबाइल उसका है ही नहीं जो वापिस किया तो उनकी ओर से कोई तसल्लीबख्श जवाब नहीं दिया गया। यह जरूर कहा जा रहा है कि कार्रवाई की जाएगी लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि 22 दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस मामला दर्ज नहीं कर पाई और आखिर कार्रवाई कब होगी